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सफलता का प्रयाय बन चूके महेन्द्र सिंह धोनी के लिए अब कोई भी उपलब्धि मुश्किल नहीं रह गई है.जिस चिज पर वह हाथ रखते हैं वह चीज उनकी हो जाती है. अब तो वह इस तरह के व्यक्तितव हो चुके हैं कि जिस भी टीम पर वह हाथ रखे, वह टीम सोना बन जाती है. क्या हो विश्व कप क्या हो आइपीएल हर स्वरुप मे वह एक चट्टान की भांति अपने दल का नेतृत्व करते हुए नजर आते है. उनकी तर्क-वितर्क और बौधिक क्षमता एक नए नेतृत्व को जन्म देती है. टीम के हरेक सद्स्य को परखना उनके गुण-दोष से परिचित होना, धोनी की नेतृत्व की सबसे बड़ी खूबी है. टीम में उनका प्रदर्शन करना या न करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन आज उनका टीम मे रहना टीम की सफलता असफलता निर्भर करता है.
जिस तरह से उन्होंने विश्वकप और आपीएल में अपने लीडर होने का दम-खम दिखाया उससे यही जाहिर होता है कि आने वाला समय भारतीय क्रिकेट के लिए सुनहरा समय होगा. वह सभी खिलाड़ियों के लिए एक उदाहरण बन चूके है. उनकी अपनी क्षमता का ही नतीजा हैं कि कम समय में वे विश्वजगत के सामने एक बडे और महंगे खिलाड़ी के रुप में सामने आए. आज वह कई बड़ी देशी-विदेशी ब्रांडों से जूडे हुए है. इन्ही ब्रांडों से उनके उपर धन की बारिश हो रही है. उनकी भी गिनती देश के गिने-चुने धनी लोगों में की जाने लगी. आज वह क्रिकेट के बादशाह तो है साथ ही साथ विज्ञापन ले भी बादशाह बन गए है. अपने छोटे से अंतराल में वह भारतीय क्रिकेट टीम के मझे हुए सीनियर खिलाड़ी बन गए है.
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