- 25 Posts
- 209 Comments
आज कल मीडिया पर खबरे आ रही हैं कि अन्ना हजारे राजनीति में आना चाहते हैं. वह अपने आप को आगे राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं. हिसार में होने वाले उपचुनाव में अन्ना की टीम की भूमिका के बाद मीडिया ने उनसे संबंधित खबरों को प्राइम टाइम में जगह दी है. चैनलों पर विभिन्न तरह के चर्चा और परिचर्चा का आयोजन भी कर रहे हैं. भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में अन्ना का तत्परता के साथ सक्रिय होना उनके विरोधियों को फूटी आंख नहीं सुहा रहा. वह अन्ना को लेकर हर तरह के राजनीतिक दांव-पेंच खेल रहे हैं. उन पर कभी आरोप के तीर छोड़ रहे हैं तो कभी प्यार के फूल बरसा रहे हैं.
अन्ना टीम ने हिसार संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस विरोधी अभियान छेड़ा. इससे अन्ना की टीम को काफी फायदा भी पहुंचा. कांग्रेस की तरफ से जो उम्मीदवार हिसार में अपना भाग्य अजमा रहे थे वह न केवल भारी वोटों से हारे बल्कि उनकी जमानत रद्द हो गई. इस उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की जो फजीहत हुई ऐसा तो उनके विरोधियों ने भी नहीं सोचा था.
कांग्रेस का यह हाल इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस ने लोकपाल बिल को लेकर अपने कर्तव्य को पूरा नही किया. कांग्रेस ने आजादी के बाद से सत्ता पर कई बार अपने आप को काबिज किया. अगर वह चाहती तो कब का इस बिल को पास कराकर कानून का रूप देती लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
कुछ विश्लेषकों का मानना है अन्ना हिसार उपचुनाव में अपने आप को सक्रिय करके, जो उन्होंने अभियान छेड़ा है, उसको शिथिल नहीं बानाना चाहते थे. वह नहीं चाहते थे कि भ्रष्टाचार को लेकर जो उन्होंने लोगों के अंदर चेतना जगाई है फिर से ठंडे बस्ते में चला जाए.
हिसार उपचुनाव के लिए मतदान किए चुके हैं उसका परिणाम भी आ चुका है. अन्ना और उनकी टीम ने अपना कार्य कर दिया. अपनी चुनाव संबंधित रणनीति और लोकपाल के मुद्दे को लेकर हिसार क्षेत्र के माध्यम से पूरे देश की जनता में चेतना जगा चुके हैं. sहिसार के चुनाव में अन्ना का फैक्टर काम कर चुका है. आने वाले समय में तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उन तीनों राज्यों में कांग्रेस की कोई खास स्थति नहीं है. यदि अन्ना की टीम ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया तो कांग्रेस की रही-सही साख भी समाप्त हो जाएगी.
Read Comments